अहसासों के उन पलों में सोचता हूँ..
कुछ रोमांचित,कुछ दुःख से भरे
कुछ पुरानी यादों के साये में बुने,
हर पल अपने में एक भाव व्यक्त किये हुए...
हर उस पल में संतुष्ट हूँ.. असंतुष्ट हूँ..
मैंने पलों को कोसा हैं, उनको सबसे यादगार बनाया है,बताया है...
पर क्या उन पलों ने मुझे थामा है,
क्या उन पलों के लिए ही मैंने जीया है
...मैंने हर अगले पल को अपनाया है,
और फिर किसी पल को अपने पास पाया है.
तो क्यूँ मैं करूँ किसी पल का घमंड या बैर
जब इन पहलुओं से भरी ज़िन्दगी में
हर मोड़ मुझे नयी संवेदनाओं राहों को पाना है!
पुराने पलों को तो बस यादें बन रह जाना है!
No comments:
Post a Comment